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स्वयं और समाज के लिए योग थीम के साथ मनाया गया 10वां योग दिवस

प्राचार्य प्रो. प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा स्वस्थ रहने के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में अपनाये

परिवर्तन न्यूज़ चंदौली

सकलडीहा। 10 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सकलडीहा कस्बा स्थित सकलडीहा पीजी कॉलेज में दसवें विश्व योग दिवस के उपलक्ष पर योगाभ्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में संयोजक डॉ. श्याम लाल सिंह यादव असिस्टेंट प्रोफेसर शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा योग शिविर में अतिथियों सहित प्राध्यापक कर्मचारी एवं छात्र को बड़े ही कौशल पूर्ण ढंग से विविध आसनों का योगाभ्यास कराया गया।

तत्पश्चात कार्यक्रम की द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. संत कुमार त्रिपाठी ने विश्व योग दिवस के मौके पर कहा कि योग एक अनिवार्य रूप से अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। स्वस्थ जीवन जीने की एक कला है, योग शब्द संस्कृत के मूल ‘युज’से लिया गया है जिसका अर्थ है जुड़ना या जोड़ना या एक जुट होना। योग मन की शांति है, तनाव से मुक्ति है, थकान से मुक्ति का नाम योग है रोग से मुक्ति का नाम योग है, योग आध्यात्मिक शारीरिक और मानसिक प्रथाओं का एक समूह है। तथा उपस्थित छात्र-छात्राओं से विशेष आह्वान करते हुए कहा कि योग हमें चिरयौवन बनता है अतः हम सभी इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आचार, विचार, विहार ,व्यवहार, आहार , के बदलते परिप्रेक्ष्य में हम सभी योग को आत्मसात कर बदलते वातावरण में अपने को तनाव से मुक्त और निरोगी जीवन व्यतीत कर सकते है।

धन्यवाद ज्ञापन उपप्राचार्य प्रोफेसर पीके सिंह ने किया। इस मौके पर सकलडीहा व्यापार मंडल अध्यक्ष दिलीप कुमार गुप्ता, प्रोफेसर दयानिधि सिंह यादव ,प्रोफेसर उदय शंकर झा, प्रोफेसर इंद्रदेव सिंह, प्रोफेसर विजेंदर सिंह, डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. संदीप सिंह, डॉ यज्ञनाथ पांडेय, डॉ. अजय कुमार यादव, डॉ. जितेंद्र यादव, अजय कुमार यादव, डॉ. अभय कुमार वर्मा, एवं कर्मचारीगण आदि सहित राष्ट्रीय सेवा योजना एवं भारत स्काउट गाइड की स्वयंसेवक छात्राओं ने अधिकांश संख्या में उपस्थित रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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