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जरूरत और समय के अनुसार निवेश का सही विकल्प चुने: वेंकट चालासानी

चंदौली। जिले के सकलडीहा कस्बा स्थित सकलडीहा पीजी कालेज में शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (ऐम्फ़ी) व श्री ज्ञानशिला लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में निवेशक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ऐम्फी के मुख्य कार्यकारी वेंकट चालासानी ने म्यूच्यूअल फंड्स के विकास और संवर्धन के लिए छात्र छात्राओं को जागरूक किया। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यापर्ण करके किया गया। इस मौके पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र से महाविद्यालय प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि मुख्य कार्यकारी वेंकट चालासानी ने कहा कि हमारे देश का आर्थिक विकास निवेशकों की जागरुकता एवं उनके अप्रतिम सहयोग पर ही निर्भर करता है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के निर्माण में निवेशकों का सहयोग एवं अंशदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि निवेशक को अपनी जरूरत, समय अन्तराल व उसके अनुसार निवेश का विकल्प चुनना चाहिये। जीवनयापन के प्रत्येक स्तर पर जो धन की आवश्यकत पडती है। उसे बुद्धिमानी एवं तर्कसंगत ढंग से निर्मित पोर्टफोलियो द्वारा आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है। इसलिए हम सभी की प्रसन्नता, सुख एवं समृद्धि सुविचारित विनियोग पर ही आधारित है।

विशिष्ट अतिथि बी एच यू के पूर्व छात्र अधिष्ठाता एवं वाणिज्य संकाय के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं संकाय प्रमुख प्रो आशा राम त्रिपाठी ने विनियोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के विनियोग सम्बन्धी योजनाओं के गुण दोषों के आधार पर निवेश सम्भव है। कहा कि नियोक्ता सावधानी पूर्वक विनियोग करे। क्योंकि उनके द्वारा विनियोग की गयी राशि एक ओर उन्हें लाभ देती है।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी देती है। वरिष्ठ सलाहकार सूर्यकांत शर्मा ने व्यक्तियों की वित्तीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक निवेशक को समृद्धि से पहले वित्तीय सुरक्षा का इंतज़ाम करना चाहिए व पर्याप्त जीवन बीमा, उचित चिकित्सा बीमा कवर व एक आपातकालीन निधि को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने निवेशकों को धन संचयकर्ता नहीं वरन धन सर्जन या निर्माता होने पर बल दिया। उन्होंने आगाह किया कि सरकारी योजनाओं को छोड़कर अधिकांश निवेशों में जोखिम होता है। लेकिन जोखिम को सोच, समझ कर निवेश कर कम या रोका जा सकता है।

प्राचार्य प्रो. प्रदीप कुमार पांडेय ने अथितियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति को वित्तीय जानकारी को लेकर जागरूक होना चाहिए। इस मौके पर उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ.दयानिधि सिंह यादव, डॉ.उदय शंकर झा, डॉ. इंद्रदेव सिंह, शमीम राइन व डॉ. अभय वर्मा, अजय यादव सहित अन्य रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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