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गर्मी शुरू होते ही ‘देसी फ्रिज’ से सजे बाजार

मटके का पानी शरीर के पीएच लेवल को रखता है मेंटेन

चंदौली। गर्मी की शुरुआत होते ही देसी फ्रिज के रूप में पहचाने जाने वाले मटकों की बिक्री चंदौली में शुरू हो गई है। मार्केट में इस बार चित्रकारी वाले मटकों की काफी डिमांड है। शहर के कई चौराहों पर स्थानीय और बाहर से आए व्यापारी ये मटके बेच रहे हैं। इन मटकों पर खास तरह की चित्रकारी भी की जाती है, जिससे ये मटके काफी आकर्षित लगते हैं। देसी जुगाड़ से गर्मी में राहत पाने की कवायद शुरू हो गयी है।

शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर देसी फ्रीज मिट्टी के घड़े, सुराही, प्याले, जग और डिजाइनर पानी के जार आदि नजर आने लगे हैं। कुम्हारों ने भी इसकी तैयारी कर रखी है। लोगों की मांग को देखते हुए शहर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों से मिट्टी के बर्तन की सप्लाई पूरी की जा रही है। इसके अलावा मिट्टी के डिजाइनर थरमस, घड़ा और सुराही भी मंगाये जा रहे हैं।

घड़े में एक तो मिट्टी का सोंधापन होता है, दूसरे उसके पानी की तासीर अलग ही होती है। मटके का पानी गला भी खराब नहीं करता। मटकों और सुराही की कीमत पचास रुपये से दो सौ रुपये की कीमत में बिक रहे हैं। सामान्य और छोटे मटके कम कीमत में तो टोंटी न नल लगे मटकों व सुराही की ज्यादा कीमत रहती है। वहीं बाजारों में सूती कपड़ों को खरीदने के लिए लोग पहुंच रहें है। गर्मी की दस्तक के साथ लोगों के पहनाव में भी अंतर आ गया है। लोग पूरी बाहों की शर्ट छोड़कर हाफ टी शर्ट पर आ गए हैं। अभी तक पैंट और फुल बाहों की टी शर्ट पहनने वाली युवतियाँ अब हाफ टी शर्ट पहन कर आधे बांहों पर ग्लब्स चढ़ा रही है।

बाजार में मिट्टी से बने मटके की अच्छी डिमांड देखी जा रही है। मिट्टी से बने मटके के अंदर हल्के हल्के छेद होते हैं, जिससे पानी हल्का-हल्का बाहर आता रहता है और वह मटकी को गीला रखता है। इससे हवा के संपर्क में आने से मटके का पानी फ्रिज की तरह ठंडा रहता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि मटके का पानी शरीर के पीएच लेवल को भी मेंटेन रखता है। मटके के पानी से शरीर में मिनरल्स की कमी भी पूरी हो जाती है। गर्मी में फ्रिज से बेहतर मटके का पानी पीना माना जाता है। गर्मी के साथ-साथ तापमान में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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