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सूर्य तिलक और घंटों की ध्वनि के बीच हुआ रामलला का जन्म

अयोध्या। भगवान श्री राम के जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। भगवान राम का उनके जन्मस्थान पर करीब 500 सालों के बाद पहली बार भव्य जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। वर्षों के संघर्ष और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को उनके जन्मस्थान पर अधिकार दिया। इसके बाद प्रभु रामलला के दिव्य धाम का निर्माण शुरू किया गया। 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के दिव्य धाम के पहले चरण का निर्माण पूरा किया गया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य आयोजन हुआ। आज प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव उनके धाम में भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जा रहा है। रामनवमी की तैयारियां शुरू की गई। भक्तों में गजब का उल्लास दिखा। अयोध्या नगरी और संसार के सभी राम भक्त एक अद्भुत क्षण के साक्षी बने। ठीक 12:16 मिनट पर रामलला के मस्तक का सूर्य अभिषेक हुआ। घंटे-घड़ियाल की ध्वनि और जय श्रीराम के जयघोष के बीच प्रभु की आरती उतारी गई।

राम जन्मोत्सव पर अयोध्या नगरी में चहुंओर भक्ति बयार बह रही है, हर कोई अपने आराध्य की भक्ति में लीन है। रामलला के जन्मोत्सव को लेकर सभी मठ-मंदिरों में बधाई गीत गाये जा रहे है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार का जन्मोत्सव बेहद खास है, क्योंकि हमारे आराध्य अपने अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान है, इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। प्रभु रामलला सूर्य की किरणों से दमकते रहे। सूर्यवंशी भगवान राम के ललाट पर जैसे ही सूर्य की किरणें पहुंची, रामलला की आभा दमकने लगी। ऐसे लगा मानो सूर्य प्रभु श्री राम को जन्मोत्सव के मौके पर नमस्कार कर रहे हों। असम की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राम जन्मोत्सव का समय होते ही रैली में ‘सियावर रामचंद्र की जय’ का जयकारा लगाया। वहीं, अयोध्या के मंदिर में जिस किसी ने प्रभु श्रीराम का दिव्य रूप देखा, वह मोहित हो गया।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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