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रहस्यमय परिस्थितियों में युवक की लाश मिली गंगा किनारे, हत्या की आशंका. रात में घर से निकला था सुर्ती खरीदने, सुबह ढाका गाँव मे मृत मिला

डीसीपी वरुणा जोन ने मौके का किया निरीक्षण, सिर पर थे मामूली चोट के निशान

वाराणसी। चौबेपुर थाना क्षेत्र के मोलनापुर गांव निवासी बबलू सरोज 45 वर्ष की हत्या कर रहस्यमय परिस्थितियों में शव ढाखा गांव में गंगा नदी किनारे नाले में फेंका मिलने से गांव में सनसनी फैल गयीं।घटना की जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक के पिता मोहन सरोज ने कहा किसी से कोई दुश्मनी नही थी। मौके पर डाग स्क्वायड व फिंगरप्रिंट टीम ने पहुच कर जांच की। इस दौरान डाग स्क्वायड का स्वान घटना से काफी दूर मोलनापुर गांव में गंगा किनारे बने श्मशान घाट के एक चबूतरेपर घूम कर वापस चला आया।

मिली जानकारी के अनुसार मोलनापुर गांव निवासी मोहन सरोज का पुत्र बबलू सरोज 45 वर्ष रविवार को शाम छह बजे ढाखा गांव के केशव निषाद के यहा गया था। देर रात तक वह नही लौटा था। सुबह पांच बजे ढाखा गांव के पास उसके शव मिलने की जानकारी ढाखा गांव निवासी मुरारी निषाद ने दी। सूचना पर परिजन वहा पहुच दहाड़े मारकर रोने लगे। गाँववालो को जानकारी मिलते है वहा ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गयी। इसके बाद डीसीपी वरुणा चन्द्रकान्त मीणा, पुलिस आयुक्त सरवण टी व एसीपी सारनाथ अतुल अंजान त्रिपाठी ने मौके पर पहुच कर जांच कर मौके की जानकारी ली। बबलू के सर पर चोट के हल्के निशान थे और खून लगा था। इस दौरान डाग स्क्वायड की टीम पहुची। जिसमे स्वान शव को देख कर घटना स्थल से दक्षिण कुछ दूर मोलनापुर गांव के गंगा किनारे बने श्मशान घाट के पास चबूतरे पर दो चक्कर घूमकर वापस चला आया।

मृतक तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। तीनो भाई मजदूरी का काम करते थे। मृतक बबलू को दो बेटे शुभम 17 वर्ष व शिवम 15 वर्ष है। दोनो अभी पढ़ते है। घटना के बाद पत्नी मीरा सरोज व मा जड़ावती का रो रो कर बुरा हाल हो गया। पिता मोहन सरोज ने बताया कि बबलू घर से शाम छह बजे सुर्ती लेने के लिए निकला था। देर शाम तक नही आया तो समझा कि वह मछली मारने गंगा नदी में केशव के साथ गया होगा। परन्तु सुबह उसका शव ढाखा में गंगा किनारे मिलने की जानकारी मिली। उसकी साइकिल नटवा बीर के पास सड़क किनारे खड़ी मिली है। उन्होंने कहा कि बबलू ढाखा गांव के केशव निषाद के साथ रहता था। उसी के साथ रात में मछली मारने जाता था। उसकी किसी से दुश्मनी नही थी। बहरहाल अभी केशव निषाद घर से फरार है।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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