भदोही से डॉ विनोद बिंद को चुनावी मैदान में उतार भाजपा ने खेला पिछड़ा कार्ड

भदोही। भारतीय जनता पार्टी ने अंततः पूर्वांचल की सबसे बहुप्रतिक्षित लोकसभा सीट भदोही से गुरुवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। डॉ विनोद बिंद को यहाँ से उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि वर्तमान सांसद रमेश बिंद का पत्ता साफ गया है। विनोद बिंद को मैदान में उतार कर भाजपा ने एक तीर से दो निशाना साधा है जहाँ एक तरफ ओबीसी दाँव खेला है वहीं दूसरी तरफ बिंद, मल्लाह और निषाद जाति के वोटरों को अपने पाले में करने की पूरी सियासी कोशिश की है और सफल भी रही है।
पूर्वांचल में भदोही लोकसभा सीट को लेकर काफी अर्से से जद्दोजहद जारी थीं। लेकिन पार्टी अपना पत्ता नहीं खोल रही थीं। बुधवार जौनपुर, प्रयागराज, बलिया, कौशाम्बी की सूची जारी होने के बाद भदोही सीट पर फैसला अटका था लेकिन गुरुवार को पार्टी को अंततः निर्णय लेना पड़ा। आखिरकार ओबीसी चेहरा उतार कर इस कयास पर पार्टी ने विराम लगा दिया है। वर्तमान सांसद रमेश बिंद का पार्टी ने टिकट काट दिया है। लिहाजा पार्टी नेतृत्व ने जानबूझकर ओबीसी चेहरे पर ही दाँव लगाया है। क्योंकि भदोही लोकसभा में सबसे अधिक संख्या ब्राह्मण और बिंद जाति की है। लिहाजा बिंद पिछडी जाति में आते हैं। बिंद जाति को अपने पाले में करने के लिए भाजपा ने रमेश बिंद की जगह डॉक्टर विनोद बिंद को मैदान में उतारा है।
भदोही लोकसभा में पांच विधानसभाएं भदोही ज्ञानपुर, औराई जबकि प्रयागराज जनपद की प्रतापपुर और हंडिया विधानसभा भी आती हैं। हंडिया, प्रतापपुर और ज्ञानपुर में बिंद, निषाद और मल्लाह जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी -ख़ासी है। यहीं वजह रही कि यहाँ से बिहड़ों की रानी दास्यु सुंदरी फूलन देवी मिर्जापुर-भदोही से सांसद चुनी गई थी। डॉ विनोद बिंद मिर्जापुर के मझवाँ से निषाद पार्टी से वर्तमान विधायक है। मूल रूप से वह चंदौली जनपद के निवासी बताए गए हैं। अब भारतीय जनता पार्टी ने भदोही से उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है।
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर बाहरी उम्मीदवार पर भरोसा जताया है। अब तक भारतीय जनता पार्टी बाहरी उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताती चली आ रही है। पार्टी जनपद के नेताओं पर भरोसा जताने के बजाय बहरियों को दिल से लगाया है। वर्तमान समय में बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त भदोही-मिर्जापुर से दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके है। वर्तमान सांसद रमेश बिंद भी मिर्जापुर के रहने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें भी टिकट देकर सांसद बनाया। अब तीसरी बार पार्टी ने एक बार फिर बाहरी उम्मीदवार पर ही भरोसा जताते हुए डॉ विनोद बिंद को चुनाव मैदान में उतारा है।
भदोही से लोकसभा सीट के लिए जनपद के कई दिग्गज नेता कतार में लगे हुए थे। लेकिन पार्टी ने उनको कोई तवज्जो नहीं दिया। इसमें पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रंगनाथ मिश्र, पूर्व विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी, वाराणसी से राजेश मिश्रा और वर्तमान सांसद रमेश बिंद जैसे प्रमुख नाम की चर्चा रही। भदोही में बाहरी बनाम घरेलू की लड़ाई काफी अर्से से चल रही है लेकिन जनपद के नेताओं को पार्टी ने कोई तावज्जो नहीं दिया।
भाजपा उम्मीदवार डॉ विनोद बिंद के साथ-साथ तृणमूल यानी इण्डिया गठबंधन से चुनाव मैदान में उतरे ललितेश त्रिपाठी का भी ताल्लुक वाराणसी से है। अब यह देखना होगा कि बाहरी बनाम घरेलू की लड़ाई कितनी कारगर होगी। अभी बहुजन समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं घोषित किया है। लेकिन अब उम्मीद जतायी जा रही है की जल्द ही घोषणा हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर विनोद बिंद को चुनावी मैदान में उतार कर पिछड़ा कार्ड खेला है। क्योंकि पार्टी की यह मजबूरी भी थी कि रमेश बिंद का टिकट कटने पर बिंद और निषाद नाराज हो सकते थे लिहाजा पार्टी दोहरा जोखिम नहीं लेना चाहती थीं। इसलिए लाठी भी ना टूटे और सांप भी मर जाए जिसके लिए डॉ विनोद बिंद को उम्मीदवार बनाया गया है।