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75 फिट का रावण 65 फिट का कुम्भकर्ण और 60 फिट के मेघनाथ का पुतला दहन

तीन पीढ़ियों से रावण दहन के पुतले बना गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहा मुस्लिम परिवार

वाराणसी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बर्ष भी बनारस रेल इंजन कारखाना में विजयादशमी समिति ने केन्द्रीय खेलकूद मैदान पर रावण दहन का भव्यतापूर्ण आयोजन किया। बरेका महाप्रबंधक एसके श्रीवास्तव और बरेका महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष गौरी श्रीवास्‍तव ने प्रभु श्रीराम-जानकी की आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राम चरित मानस पर आधारित रूपक (मोनो एक्टिंग) राम वन गमन से रावण बध तक की लीला की मनमोहक प्रस्तुती की गयी। जिसे दर्शकों ने काफी सराहा।

कार्यक्रम निदेशक एसडी सिंह के दिशा निर्देशन में किया गया। इस वर्ष दशानन-रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के पुतले क्रमश: 75, 65 एवं 60 फिट के बनाये गए थे। रावण दहन के दौरान आकर्षक आतिशवाजी और साज-सज्जा देखने बन रही थी। जिसे देखने के लिए बरेका कर्मचारियों और उनके परिजनों के साथ ही आस-पास के गांवों, कस्बों से अपार भीड़ उमड़ी थी। भीड़ की सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम का जिम्मा जिला प्रशासन और रेल सुरक्षा बल ने संभाल रखा था। बनारस रेल इंजन कारखाना में होने वाला रावण दहन अपने आप में अनुठा है। जो गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले तीन पीढ़ियों से काशी के ही रहने वाले शमशाद खान और उनका परिवार बनाता है।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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