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करवा चौथ व्रत कब, और कैसे करे

वाराणसी/ प्राची राय की रिपोर्ट-

करवा चौथ का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास और अहम माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है और पति की उम्र लंबी होती है।

करवा चौथ व्रत की मान्यता

करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा महाभारत काल से शुरू हुई थी। कहा जाता है कि सबसे पहले द्रौपदी ने पांडवों की जान बचाने के लिए श्री कृष्ण की सलाह पर यह करवा चौथ रखा था। द्रौपदी द्वारा करवा चौथ का व्रत रखने की वजह से पांडवों के प्राणों को कोई हानि नहीं पहुंची थी। इसलिए कहा जाता है कि हर विवाहित महिला को अपने पति की रक्षा और लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए। साथ ही इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं और आपसी संबंध मधुर बनते है।

करवाचौथ व्रत कैसे करें

करवा चौथ का व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 20 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिनें भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती है। व्रत को चंद्रमा के दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही तोड़ा जाता है। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है, इस व्रत में अन्न व जल ग्रहण किए बिना सूर्योदय से रात में चंद्रदर्शन तक रखा जाता है।

करवा चौथ पूजा सामग्री

मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन, पान, सींक, कलश, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल, हल्दी, लकड़ी का आसान, देसी घी,कच्चा, दूध, दही, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, मौली, मिठाई, चलनी या चलनी आदि।

करवा चौथ पूजा-विधि

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें
  2. मंदिर और घर की साफ-सफाई करें
  3. सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान पूजा करें
  4. करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें
  5. करवा चौथ वाले दिन भगवान शिव-पार्वती, स्वामी गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करें।
  6. संध्या के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें
  7. फिर चंद्रमा की पूजा करें
  8. चंद्र दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें
  9. पति को छलनी से देखकर आरती उतारें
  10. फिर पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पारण किया जाता है।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त

शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक
अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय

करवा चौथ पर शाम 07:54 बजे चांद निकलेगा. इस समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण करके व्रत को पूरा किया जाएगा

करवा चौथ का महत्व

मान्यता के अनुसार अगर कोई महिला सम्पूर्ण विधि-विधान के साथ इस व्रत को रखती है तो उसके पति की आयु लंबी होती है और उसे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। साथ ही सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके व्रत का पारण करना चाहिए और करवा चौथ व्रत कथा सुननी चाहिए। व्रत की शुरुआत सास द्वारा दी गई सरगी खाकर और उनका आशीर्वाद लेकर करनी चाहिए, ताकि दांपत्य जीवन और घर में स्नेह और प्रेम बना रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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