
चंदौली। जनपद के सकलडीहा के एसडीएम पर अधिवक्ताओं ने दुर्व्यवहार तथा जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए डी एम निखिल टी फुंडे को ज्ञापन देते हुए तत्काल कारवाई की मांग किए।
मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता उमेश कुमार द्वारा बलुआ थाना द्वारा एकपक्षीय चालान में जमानत प्रार्थना पत्र सकलडीहा एसडीएम के यहां करीब 2 बजे प्रस्तुत किया गया था। लेकिन एस डी एम द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई तथा रात 8 बजे संबंधित अभियुक्त को जेल भेजा जाने लगा इस संबंध में उसके अधिवक्ता उमेश कुमार ने जब फौजदारी बाबू से कहा कि जमानत प्रार्थना पत्र पर कोई तारीख दिए हैं तब उन्होंने कहा कि जमानत प्रार्थना पत्र वापस ले लीजिए साहब के यहां कल दे दीजियेगा। इस पर अधिवक्ता उमेश कुमार द्वारा बार के अध्यक्ष से कहा गया। जिसे सज्ञान में लेते हुए बार अध्यक्ष अंगद सिंह कुश्वाहा ने एस डी एम से फोन पर बात करते हुए उक्त प्रार्थना पत्र पर विचार करने का आग्रह किया।
फौजदारी बाबू ने कहा कि हम एसडीएम के आवास पर जाकर पुनः जमानत प्रार्थना पत्र को दे देते है। उसके बाद एस डी एम सकलडीहा आवास से तमतमाते हुए आए और अधिवक्ता उमेश कुमार को कहा कि तुम लोग याचक हो तुम केवल याचना कर सकते हो।
वकीलों का आरोप है कि उसके बाद कहे कि तुम्हारे मुलजिम को जमानत नहीं दूंगा तथा 14 दिनों के लिए जेल भेज दूंगा जो करना होगा कर लेना।

एस डी एम के इस व्यौहार से दोनों वकील अवाक हो गये। वहीं इनका आरोप है कि एस डी एम ने तत्काल सकलडीहा कोतवाल को फोन कर हम लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा गया। अधिवक्ताओं ने मांग पत्र में लिखा है कि सकलडीहा पुलिस द्वारा भेजे गए चालानों को रात्रि 8 से 9 बजे के बाद तक रोक कर रखा जाता है। तथा उसके बाद उनके अर्द्ली द्वारा और फौजदारी बाबू जेल भेजने की बात कहकर डराने लग जाते है।
जिलाधिकारी को पत्रक देने वालों में राकेश रत्न तिवारी, शैलेंद्र सिंह, श्री निवास पांडेय, जयप्रकाश सिंह, राहुल सिंह, दुर्गेश पांडेय, नितिन तिवारी, राजाराम यादव, नितिन कुमार तिवारी, पंकज सिंह यादव आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।