
चंदौली। एक दिन को मां के नाम पर सीमित नहीं किया जा सकता है। सभी के मन में उनके लिए सम्मान होना चाहिए और आगे आने वाली पीढ़ी को भी यही सीख देते रहना है जिससे वृद्धाश्रम में अपना जीवनयापन करने के लिए विवश न हो।
प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मां एक ऐसा व्यक्तित्व है जो सारी उम्र अपने बच्चे के पालन पोषण में लगी रहती है। यदि बच्चे को किसी प्रकार का कष्ट हो तो बच्चे से अधिक मां को पीड़ा होती है। इसीलिए सभी को मां के लिए सम्मान रखना चाहिए जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकें क्योंकि परिवार की नींव मां के कंधो पर ही टिकी रहती है। मां का स्थान सबसे ऊंचा है। दुनिया में वही एक व्यक्तित्व है जो बिना किसी स्वार्थ के अपना सब कुछ न्योछावर कर देती है।