
सासाराम नीतीश की रिपोर्ट
सासाराम। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे इसलिए विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए व्रत रखती है। इसी को लेकर महिलाओं ने दुल्हन की पोशक पहनकर वट वृक्ष का व्रत रहकर पूजा-अर्चना की है।

गुरूवार को जिले की विभिन्न स्थानों पर सुहागिन महिलाओं ने पति के सुदीर्घ स्वस्थ जीवन के लिए वट सावित्री व्रत रखा। श्रद्धालु व्रती महिलाओं ने विधि विधान से माता की पूजा की। पूजा के बाद महिलाओं ने बरगद (वट) की परिक्रमा कर माता सावित्री से अटल सौभाग्य की कामना की। वट सावित्री पूजन के लिए पूर्वांह से ही सुहागिन महिलाएं परिजनों के साथ आसपास के बरगद के पेड़ के नीचे जुटने लगी। नव विवाहित सुहागिनों में व्रत को लेकर खासा उत्साह दिखा। व्रती महिलाओं ने उपवास रखकर विधि विधान पूर्वक बरगद वृक्ष का पूजन किया। पति के दीर्घ जीवन के लिए महिलाओं ने सूत से बरगद के तने को लपेट 108 बार परिक्रमा लगाई। इसके बाद हलवा, पूड़ी, खरबूजा आदि प्रसाद चढ़ाया।

शहर के चंद्रवंशी नगर काली माता मंदिर पर वट सावित्री माता के पूजन के लिए भी महिलाओं की भारी भीड़ जुटी रही। इस दौरान पति की दीर्घायु के लिए व्रती सुहागिनों ने माता को सोलहों श्रृंगार की वस्तुएं, फल और प्रसाद चढ़ाकर वट वृक्ष पर मौली लपेटी और फेरी लगाकर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। पूरे जिले में महिलाओं ने वट सावित्री पूजन श्रद्धा और उल्लास के साथ किया।