
Story By- संजय प्रताप सिंह
चन्दौली। स्थानीय कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जिला भर के सैकडों पी आर डी जवानों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपना ज्ञापन उनके प्रतिनिधि को सौंपा।

विदित हो कि पी आर डी का गठन 1948 में किया गया जबकि होमगार्ड जैसी अन्य प्रादेशिक सुरक्षा संस्थाओं का गठन इसके बाद किया गया किन्तु सरकार की दोहरी नीतियों के कारण पी आर डी बहुत पीछे रह गयी है जबकि इसके जवान होमगार्ड जवानों के बराबर ही कार्य करते हैं किन्तु पी आर डी जवानों को उनके मुकाबले लगभग आधा ड्यूटी भत्ता दिया जाता है।
इस सम्बन्ध में पी आर डी जवानों द्वारा दाखिल याचिका का लगभग एक साल पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा समान कार्य समान वेतन के सिद्धांतों का पालन करके पी आर डी जवानों को होमगार्ड के जवानों के बराबर ड्यूटी भत्ता देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश पारित किया गया किन्तु आज तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया जिससे पी आर डी के जवानों के भीतर भारी असंतोष व्याप्त है।
उत्तर प्रदेश सरकार को जगाने और न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए पी आर डी के जवानों द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन दिये जाने के क्रम में आज पी आर डी के सैकडों जवान कतारबद्ध होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुँच और अपनी मांगों से सम्बन्धित पांच सूत्रीय मांग पत्र उनके प्रतिनिधि को प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा दो चार दिनों के भीतर मांग पत्र मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित करके अवगत कराने का आश्वासन पी आर डी के जवानों को दिया गया।
मांग पत्र प्रस्तुत करने वालों में प्रमुख रूप से बैजनाथ रस्तोगी, अजीत कुमार यादव, संजय प्रताप सिंह, सुजीत कुमार, विजय सिंह, मुन्ना पासवान, जयप्रकाश भारती, प्रह्लाद, धनुषधारी मौर्य, चन्द्रमा सिंह, राजकुमार, विनय कुमार सिंह, रमवन्ती देवी, चन्द्रशेखर सिंह, रामलाल यादव, बाबूलाल, मीरा देवी, रामाश्रय यादव, विरेंद्र प्रसाद, रसीद अहमद, अरुण कुमार यादव, फूलमती देवी, रेखा देवी, अर्चना देवी वगैरह सम्मिलित रहे।