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होली की अनूठी परंपरा को निभाते यहा के लोग

चंदौली। भारत लोक संस्कृति का देश है। यहां पर्वों का बड़ा ही महत्व रहता है। देशवासी इन पर्वों को धूमधाम से मनाते हैं इन्हीं में एक है रंगों का त्योहार होली। भारत में खासकर हिंदुओं को होली का खास इंतजार रहता है। रंगों में रंगने का है यह पर्व। आज भी यहां बुजुर्गों की बनाई इस परंपरा का पालन किया जा रहा है।

जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में सकलडीहा विकासखंड क्षेत्र के बथावर गाँव की, जहां वर्षों पुरानी परंपरा को लोग निभाते हुए होली का त्यौहार मनाते हैं। यहां बुजुर्गों की बनाई हुई परंपरा वरिष्ठ नागरिकों की एक टोली जो ढोलक और हरमोनिया की धुन पर गाते हुए.. यहां रामकृष्ण आए मार्ग सच्चा दिखाएं देश भक्तो का लगता है मेला. डफबाजी मुरलिया वाले की, डफबाजी मुरलिया वाले की, गाना गाते हुवे पूरे गांव में घूमते नाचते हुए एक दूसरे को अबीर और गुलाल लगाते हुए भाईचारे का संबंध कायम करते हैं।

बथावर गांव में स्थित शिव मंदिर पर होली पर्व पर पुराने गीत गाते हुए ग्रामीण आने वाली पीढ़ी को पुराने रीति रिवाज से होली, भगवान कैसे खेलते है इसको गाने के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। जिसे सुनने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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