
बिहार पुलिस की सूचना पर परिजन पहुंचे सकलडीहा कोतवाली
परिवर्तन न्यूज चंदौली
सकलडीहा। भोजापुर रेलवे क्रासिंग के समीप देशी शराब दुकान के सामने रेलवे ट्रैक की झाड़ियों में बीते बुधवार को करीब 40 वर्षीय अधजली लाश होने की सूचना पर सनसनी फैल गयी। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने अधजली शव को लेकर जांच में जुट गयी। हालाकि तीन दिन बाद सीएचसी अधीक्षक डा. संजय यादव की ओर से गोल्डेन कार्ड का डाटा देने पर कोतवाली पुलिस परिजनों को ढ़ूढ निकाला। शुक्रवार को सुबह परिजनों ने आयुष्मान गोल्डेन कार्ड व बैंक पासबुक और कपड़ों से युवक का शिनाख्त किया। पीएम के बाद शव को परिजनों को सौप दिया। इस दौरान परिजनों का रोते रोते बुरा हाल था।

भोजापुर रेलवे क्रासिंग के समीप पोल संख्या 739/15 अप लाइन पर एक युवक की अधजली शव मिलने की सूचना मिलते ही कोतवाल हरिनारायण पटेल मय फोर्स मौके पर पहुंच गये। मौके पर शव के पास आयुष्मान गोल्डेन कार्ड बैंक पास बुक व युवक के कपड़े को लेकर कोतवाल फोरेंसिक टीम के साथ जांच में जुट गयी। कोतवाल गोल्डेन कार्ड लेकर सीएचसी पहुंचे। अधीक्षक डा.संजय यादव ने कार्ड के नंबर से डिटेल निकालकर पुलिस को सौपा। कोतवाली पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से परिजनों को ढ़ूढ निकाला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने कपड़ा व अन्य अभिलेखों से शिनाख्त किया। परिजनों के अनुसार मृतक युवक बिहार प्रांत के नालंदा जनपद के मानपुर थाना केवलीबीघा गांव निवासी 40 वर्षीय गुड्डु चौहान पुत्र जयराम चौहान के रूप में हुआ। इस बाबत कोतवाल हरिनारायण पटेल ने बताया कि अधजली लाश का शिनाख्त होने पर परिजनों को सौप दिया गया।
हरिद्वार में गार्ड की नौकरी करता था युवक
बिहार के नालंदा जनपद के मानपुर थाना के केवलीबीघा गांव निवासी 40 वर्षीय गुड्डु चौहान लम्बे समय से हरिद्वार में गार्ड का काम करता था। तीन चार साल से घर पर रह रहा था। बीते 20 दिसम्बर की रात में ट्रेन पकड़कर हरिद्वार पुन:जा रहा था। पुलिस के अनुसार युवक भोजापुर रेलवे क्रासिंग के समीप ट्रेन से गिरकर झाड़ियों में चला गया था।आसपास बदबू होने पर किसी ने झाड़ियों में आग लगा दिया। जिससे बुरी तरह युवक का शव जल गया था। पहचान करना मुश्किल होगया था। शव का शिनाख्त होने पर बेटा राम इकबाल चौहान,चाची रेखा,चाचा शिव कुमार चौहान,सास गुड़िया देवी और ससुर रामजन का रोते रोते बुरा हाल था। मृतक युवक की पत्नी सरिता देवी का वर्षो पूर्व निधन होगया था।
युवक की मौत का परिजनों को नही हो रहा था यकीन
मृतक युवक बीते 16 साल से हरिद्वार में काम करता था। पत्नी की मौत के बाद एकलौते बेटे रामइकबाल को साथ लेकर चला गया। घर पर कभी कोई फोन भी नही करता था। इसलिये परिजन कोई खोजबीन नहीं करते थे। अचाकन पुलिस की ओर से सूचना मिलने पर परिजन यकीन नही करते थे। जब पुलिस ने फोन नंबर और प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड व बैंक पासबुक दिखाया तो यकीन हुआ। पिता को पैसा भेजने के लिये बैंक पास बुक भी अपने साथ लेकर जा रहा था।