
परिवर्तन न्यूज चंदौली
सकलडीहा। समाज में विवाद शुन्यता की गरज से घरौनी जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को लागू करने वाली सरकार समारोह पूर्वक प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के हाथों लोगों को घरौनी कार्ड बंटवाकर बेशक खुश हो रही हो किंतु तहसील प्रशासन की गंभीर लापरवाही घरौनी के उद्देश्य को पूरी तरह से पलीता लगती दिख रही है।
हड़िया के एक चावल को जांचने के मुहावरे को देखा जाए तो चंदौली के समस्त तहसीलों के अंदर घरौनी कार्ड समस्या का समाधान नहीं बल्कि खुद समस्या के रूप में पाया जा रहा है।
आलम यह है कि सकलडीहा तहसील क्षेत्र के ही बथावर गांव में वितरित प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजना स्वामित्व ( घरौनी ) में घोर अशुद्धता देखने को मिल रही है। यहां तक की गांव के ही रमाकांत पाठक का नाम ही घरौनी में अंकित नहीं है! जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि सर्वे करने आए अधिकारियों ने कहा कि आपकी जमीन अभी विवादित है इसलिए घरौनी नहीं बनाई जाएगी सच यह नही है।
मजे की बात तो यह है यह है कि पूरे गांव का थाना ही बदल दिया गया। इस घोर लापरवाही का कारण कौन हो सकता है, सर्वे करने आए अधिकारी या तहसील प्रशासन जिन्होंने सरकार की महत्वपूर्ण योजना को केवल खाना पूर्ति करने का काम किया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सर्वे करने आए अधिकारी ने केवल कुछ चुनिंदा लोगों से मुलाकात करके सर्वे कर दिया है जबकि जिसकी चौहद्दी जहां नहीं होनी चाहिए उसकी चौहद्दी भी वहां पर दिखाई गई है। जो कि गांव में विवाद का कारण बनी हुई है। घरौनी वितरण के दिन शनिवार शाम को ही गली के विवाद में दो पक्षों में जमकर कहा सुनी हो गई यहां तक की थाना को भी बुलाना पड़ा और साक्ष्य के रूप में घरौनी प्रमाण पत्र ही दिखाया गया। अब गांवों में वितरित अशुद्ध घरौनीयों को लेकर विवाद उत्पन्न हो रहा है,अगर इसका तत्काल निराकरण नहीं हुआ तो यह घरौनी कार्ड भी बेमानी हो जाएगा।
इस बाबत ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जल्द से जल्द पुनः गांव का सर्वे ईमानदार अधिकारी की देखरेख में कर नई बनी घरौनी की त्रुटियों को खत्म कराने की मांग किया है।