
परिवर्तन न्यूज चंदौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। स्थानीय क्षेत्र के महुअरकला गाव में श्री विशेश्वर ब्रम्ह बाबा का वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में नवद्विवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को श्री त्रिदण्डी स्वामी जी के शिष्य सुन्दर स्वामी जी ने माता कुन्ती द्वारा भगवत प्राप्ति के विस्तृत व्याख्यान का वर्णन करते हुए कथा बताएं।

कहा कि जब पांडव राज्य सिहांसन पर विराममान हो गये तो सभी लोग कुछ न कुछ भगवान श्रीकृष्ण मांगे। लेकिन पांडवों की मात कुन्ती चुपचाप देखती व सुनती रही । जिसपर श्रीकृष्ण ने कहा बुआ सभी ने कुछ न कुछ मांगा लेकिन आप मौन क्रूो है। तब कुन्ती ने कहा हे श्रीकृष्ण अगर तुम देना ही चाहते हो तो हमें पूरा जीवन दुःख ही देना। इस पर श्रीकृष्ण चौक पड़े और कहे कि यह आप ने क्या मांग लिया इसका परिणाम बहुत बड़ा भयंकर व दुष्कर होगा।
तब कुन्ती ने पुनः उनसे कहा हे श्रीकृष्ण सुख मानव कभी भी भगवान का पूजन, अर्चन, ध्यान, तपस्या दान, पुन्य नही करता और और जीवन के सुख, समृद्धि, बिलासता को भोगने में व्यस्त हो जाता है जो आगे चलकर सबसे बड़ा दुख का कारण बन जाता है। तब श्रीकृष्ण बड़े जोर के ठहाके लगाये और कहा ठीक है हम तुम्हे दुःख का बरदान केवल अपनी भक्ति के लिए ही दूंगा। कथा समाप्ति होते ही जय श्रीकृष्ण, जय श्रीराम, हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा बातावरण भक्तिमय हो गया।
इस दौरान अम्ब्रिष तिवारी, रामसेवक यादव, श्रवण कुमार पाण्डेय, केषरी सिंह, रामदुलारे सिंह, नितिक तिवारी, संतोष तिवारी, दीपक तिवारीष् सियाराम प्रजापति, ओमकाकर यादव सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।