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मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी: थंड पर आस्था रही भारी, लाखों स्नानार्थियों की उमड़ी भीड़

परिवर्तन न्यूज चंदौली
चहनियां। पूर्वांचल सहित विभिन्न जनपदों से आये श्रद्धालुओं का हुजूम बुद्धवार को मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर मां भागीरथी के पश्चिम वाहिनी बलुआ तट पर लगभग दो किलोमीटर के दायरे में डुबकी लगाई। बुद्धवार की प्रातः लगभग 2बजे से ही सनार्थियों का ताता मां गंगा के पश्चिमवाहीनी बलुआ तट पर जुटने लगा और लोग अस्था के गोते लगाते हुए हर-हर महादेव के नारे से गुजांयमान करने लगे। जो भी स्ननार्थी प्रयागराज के संगम पर नही पहुंचे वे पश्चिमी वाहीनी गंगा तट पर स्नान कर दान पुन्य कर यश के भागी बने।

इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा से आर्शीवाद लिया। पश्चिमवाहिनी मां गंगा के बलुआ तट पर ऐसा लग रहा था कि आज सांक्षात देवाताओं ने मुनष्य रूप धारण कर पृथ्वी पर उतर आये हो और मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर मां गंगा की गोद में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बनना चाह रहे हो।

पंचबहनी स्नान पर्व (पश्चिम वाहिनी) यह पूरे भारत वर्ष में सिर्फ तीन जगहों पर हैं। पहला गौमुखी यानी उद्गम स्थल, दूसरा काशी (वाराणसी-चन्दौली) जनपद के बलुआ घाट और तीसरा बंगाल की खाड़ी यानी गंगासागर के पास है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पश्चिम वाहिनी स्नान पर्व की कहानी गंगा अवतरण से जुड़ी हुई है। राजा भगीरथ अपने पूर्वजों को उद्धार कराने के लिए गंगा का पृथ्वी पर लाये थे। रास्ते में भागीरथ गंगा जी से भगवान भोलेनाथ के उदार स्वभाव का वर्णन करते समय इतना प्रेममग्न हो गये कि दिशा का भान ही नहीं रहा और वह उत्तर के बजाय पश्चिम की दिशा को चलने लगे जब कथा समाप्त हुआ तो दिशा ज्ञान हुआ तो फिर उत्तर वाहिनी हो गये।

एक अन्य मान्यता के अनुसार घाट के पास आज भी वाल्मीकि जी का आश्रम व कुण्ड है उनका दर्शन करने के लिए मां गंगा कुण्ड में कुछ समय के लिए रूकी और आर्शीवाद ले आगे चली गई। वाल्मीकि जी के स्वभाव का वर्णन भगीरथ जी गंगा जी को बता रहे थे कथा में मग्न होने के कारण दिशा का ज्ञान ही नहीं था जब मौनी आश्रम का दर्शन हुआ तो दिशा का ज्ञान हुआ आज भी मौनी आश्रम के सामने से उत्तर वाहिनी हुई हैं। उस दिन भी मौनी अमावस्या था। कहा जाता है कि मौन व्रत धारण कर इस दिन जो स्नान दान करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है और एक राजसू यज्ञ के बराबर फल मिलता है। जनपद चन्दौली पश्चिमी वाहिनी के बलुआ तट पर मौनी अमावस्या के दिन जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मउ, आजमगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित बिहार प्रान्त के समीपवर्ती जिले के श्रद्धालू आकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर दानपुन्य कर यश के भागी बनते है।

गुड़हिया जिलेबी पर उमड़ी रही भीड़

पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों ने स्नानकर दान्य पुन्य के उपरान्त बूढ़े, बच्चों ने गुड़हिया जिलेबी पर टूट पड़े। पूरे दिन गुड़हिया जलेबी की दुकानों पर मेले में आये हुए लेागेा का हुजूम उमड़ा रहा।

महिलाओं ने जमकर खरीदी घर गृहस्ती के सामान

पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों ने स्नानकर दान्य पुन्य के उपरान्त घर के सदस्यों ने घरेलू चीजों को खरीदने से नही चुके जिसके पास जो भी घर गृहस्ती का सामन उपलब्ध नही था उसकी जमकर खरीदारी। ओखली व मुसल, सील-लोढ़ा ऐसे आम बाजारों में नही उपलब्ध होता है। लेकिन पश्चिमी वाहीनी मेले में इसकी उपलब्धता होती जिससे इसकी जमकर खरीदारी हुई और लोग उसे अपने सिर पर रखर अपने गनतब्य को जाते रहे।

जिला प्रशासन की लापरवाही से कराहते रहे स्नानार्थी

पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों में किसी प्रकार दिक्कते न हो उसका सामना करने में जिला प्रशासन काफी निष्क्रिय दिखा। लापरवाही की सारी हदे पार करते हुए जिला प्रश्सासन द्वारा बलुआ पुल पर बहनों पर प्रतिबन्ध नही लगाया गया। जिससे चहनिया बाजार से लेकर बलुआ घाट तक लोग एक दुसरे से टकराते चीटी की चाल चल रहे थे। वही स्नार्थियों का कहना था कि जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण ऐसी दुर्दशा हो रही जबकि प्रदेश मे प्रयागराज के बाद बलुआ घाट पर सनानार्थियों की अपार भीड़ जुटती है। जिसे जिला प्रशासन द्वारा हल्के में लिया गया और लोगो को कठिनाइयो का सामना करना पड़ा।

चर्खी झूले का बच्चों ने उठाया लुफ्त

पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नार्थियों के साथ बच्चों ने जमकर मेले का लुफ्त उठाते चर्खी, झूले का लुफ्त उठाया।जबकि दुसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा बड़ी-बड़ी चर्खियों व झूले को प्रतिबन्धत कर दिया लेकिन छेाटे-छोटे झूले का लुफ्त उठाने से नही चुके। वही आटेाफिसिल गछ्छे पर बच्चों ने घंटों कूद-कूद कर बच्चो ने लुफ्त उठाया। *मौसमी फलों की रही बहार* मौनी अमावस्या के पावन पर मौसमी फलो की जमकर लेागेा ने खरीददारी की नई किस्मो की बेर से बाजर पटा रहा जहा बूढ़े-बच्चे बेर का चखा। वही सब्जी मंडियेा में हरी सब्जियां भी खरीदने ने नही चुके।

भगवान भास्कर स्नानार्थियों पर रहे मेहरबान

मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर बिगत कई वर्षो के बाद भगवान भास्कर अपने भक्तों कृपा दृष्टि बनायी। मौनी अमावस्या की अलसुबह का अर्द्ध लेने के लिए भगवान भास्कर आतुर दिखे वही स्नानार्थीयों ने भी इस सुनहरे मौके पर लाभ उठाते हुए अर्द्ध देने से नही चुके साथ ही ब्राम्हण व भिच्छुओ को दानकर यश के भागी बने। जैसे-जैसे सूर्य की किरणे तेज होती गयी वैसे-वैसे भीड़ बढ़ती गयी।

सुरक्षा व्यवस्था में जुटी रही पुलिस

मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर बलुआ थाना प्रभारी डॉ. आशीष मिश्र ने बुद्धवार की अल सुबह से ही मेले का चतक्रमण प्रारम्भ कर मेले में अराजकता फैलाने पर पैनी नजर बनाये रखे साथ कुछ सादे भेष में महिला व पुरूष पुलिस कमिर्याे को लगाया रखा जो स्नानार्थियों के बीच में रहकर उनकी मदद करते देखे गये।

श्रद्धालुओं में बाटी गयी खिचड़ी

मौनी अमावस्या के पावन पर बुद्धवार को लाखों स्नार्थी श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप खिचड़ी बांटी गयी। बतादे कि प्रत्येक वर्ष की भॉति इस वर्ष भी समाज सेवी चन्द्रशेखर तिवारी की निगरानी में दर्जनों युवाओं द्वारा दूर दराज से आये स्नार्थीयों के बीच खिचड़ी बाटी गयी। जिससे श्रद्धालुओं नास्ता के रूप में प्रसाद ग्रहण करते हुए अपने गनतव्य को रवाना हुए। वही बृद्ध स्थानार्थियों के लिए कड़ाके की छंड को देखते हुए अलाव की व्यवस्था की गयी थी जिन्हे अलाव को तपाकर उन्हे खिचड़ी खिलाई गयी। जिसे देखते हुए स्नानार्थियो ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।

इस दौरान संजीव तिवारी, भोलू तिवारी, राजू पंडित, कृष्ण गोपाल तिवारी, अनिल तिवारी, लालू तिवारी, महेन्द्र तिवारी, जितेन्द्र विश्वकर्मा, राहूल मिश्रा, राकेश तिवारी, संतोष मिश्रा, गोपाल मिश्रा सहित दर्जनों युवा सथार्थियो की संवा टहल में लगे रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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