मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा स्थापित होने से पूर्व निकली कलश यात्रा: मूर्ति स्थापित करने के लिए स्वामी जगदीश्वरानंद ने त्यागा था चार साल से अन्न

दिव्य देवी आश्रम से कलश यात्रा निकल कर रामेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, बाजे गाजे पर खूब झूमे भक्त
मां की मूर्ति स्थापित करने के लिए स्वामी जगदीश्वरानंद ने त्यागा था चार साल से अन्न
वाराणसी। जंसा थाने के समीप श्री आदि शक्ति लोक कल्याणकारी समिति बसंतपुर द्वारा दिव्य देवी दरबार आश्रम में मां विंध्यवासिनी की मूर्ति स्थापना का आयोजन शनिवार को पूर्वाहन कलश यात्रा से शुभारंभ हुआ। कलश यात्रा मंदिर के महंत स्वामी जगदीश्वरानंद महाराज जी के नेतृत्व में निकाली गई। कलश यात्रा में सैकड़ो पुरुषों,महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल थे।

कलश यात्रा मंदिर से निकलकर पंचकोशी मार्ग जंसा, भाऊपुर, देहली विनायक, हरिहरपुर, बरेमा,भुईली होते हुए पंचकोशी तीर्थ स्थल के तीसरे पड़ाव रामेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचा,जहां महंत जगदीश्वरानंद महाराज जी के साथ सैकड़ो महिलाओं एवं पुरुषों ने रामेश्वर महादेव का दिव्य दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लेने के साथ ही मंदिर प्रांगण में मां दुर्गा,मां तुलजा के साथ राधा कृष्ण व बजरंगबली का दिव्य दर्शन पूजन करने के बाद कलश यात्रा पुनः आश्रम के लिए रवाना हो गई। कलश यात्रा में ढोल नगाड़े के साथ डीजे पर भक्त भक्ति गीत बजाकर थिरक रहे थे।
मंदिर के महंत स्वामी जगदीश्वरानंद महाराज ने बताया कि मंदिर में 07 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा एवं 08 फरवरी को माता जी का श्रृंगार ,09 फरवरी को हवन एवं पूर्णाहूति तथा 10 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। महंत ने बताया कि इस मंदिर को बनवाने के लिए लगभग 4 साल से मैं अन्न का त्याग किया था। इस दौरान महज आलू और लौकी का अल्पाहार प्रसाद ग्रहण करता था। आश्रम में जिस दिन मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा स्थापित हो जाएगी उसके बाद अन्न ग्रहण करेंगे। दिव्या देवी दरबार आश्रम में मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा स्थापित होने की सूचना मिलते ही समूचे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
कलश यात्रा में रमेश उपाध्याय,नागेश पांडेय,बाबा रामदास,सुनीता पांडेय, सुनीता उपाध्याय, नेहा पांडे, रानी पांडे,निर्मल श्रीवास्तव,अंजू सिंह,नेहा उपाध्याय, आसमा श्रीवास्तव,आस्था पांडे,पूर्णिमा सिंह ,उदय शंकर सिंह, आशीष दुबे,रमेश पांडे सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।