
- महादेव को जल, गंगाजल, दूध, दही, घ़ृत, शक्कर, शहद, बिल्व पत्र, ईख रस आदि से रुद्राभिषेक करने की मंदिर व घरों में की गई है तैयारी
परिवर्तन न्यूज़ / चंदौली
भोलेनाथ की आराधना श्रावण मास सोमवार से शुरू हो रहा है। श्रावण मास में शिव भक्त मंदिरों में पहुंचकर शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। इसके साथ ही रुद्राभिषेक, महा मृत्युंजय मंत्र का जाप आदि अनुष्ठान भी होंगे। इसको लेकर शनिवार से ही शहर एवं ग्रामीण इलाकों में स्थित सभी शिव मंदिरों में तैयारियां लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। सावन का महीना आते ही एक ओर पावन प्रेम में पगे लोगों का मन-मयूर नाच उठता है। तो दूसरी ओर भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए व्याकुल हो उठते हैं। महादेव को जल, गंगाजल, दूध, दही, घ़ृत, शक्कर, शहद, बिल्व पत्र, ईख रस आदि से रुद्राभिषेक करने भी तैयारी मंदिर व घरों में की गई है।

चंदौली जिले के सकलडीहा रेलवे स्टेशन स्थित चतुभूजपुर में विराजमान प्रसिद्ध श्री स्वयंभू बाबा कालेश्वर नाथ महादेव मंदिर को फूलों और बिजली की झालरों से सजाया जा रहा है। श्रावण मास वर्षा एवं हरियाली का समय होता है और यह अति मनमोहक समय होता है। श्रावण मास का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है, लेकिन श्रावण मास में सोमवार का विशेष फल है। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चन करने तथा जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, जप इत्यादि का विशेष फल है। कहा जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस श्रावण मास में रामचरित मानस एवं राम नाम संकिर्तन का विशेष महत्व है।