
Story By- मनोज कुमार मिश्रा, चहनियां!
चंदौली। मकर संक्रान्ती के पावन पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने मां पश्चिम वाहीनी भागीरथी के बलुआ तट पर मंगलवार की अलसुबह से ही गोते लगाकर लोगों को दान पुण्य की यश के भागी बने। जैसे-जैसे सूर्य की किरणें तेज होती गयी वैसे-वैसे श्रद्वालुओ की भीड़ बढ़ती गयी जो मेले का स्वरूप धारण कर लिया।

मंगलवार की प्रभात बेला में हजारों की संख्या में मां गांगा के सुरम्य तट बलुआ घाट पर पहुच कर आस्था के गोते लगाकर पूजा पाठ कर भिक्षुओं, पुरोहितों व ब्राम्हणों को दान दक्षिणा देकर यक्ष के भागी बने। वही मकर संका्रन्ती पर्व के मद्देेनजर घाटों पर सुरक्षा के कड़े प्रवन्ध कर रखे थे। गोताखोरों व लाईट की व्यवस्था की गयी थी। वही पुलिस पूरे क्षेत्र में चत्क्रण करते नजर आये। थानाध्यक्ष डॉ. आशीष मिश्रा ने पूरी कमान अपने हाथे में लेकर मेले की सुरक्षा व्यवस्था करने में जुटे रहे। जैसे-जैसे सूर्य की किरणों में तेज होने लगे वैसे-वैसे भीड़ बढ़ने लगी और देखेते ही देखते भीड़ इस कदर हो गयी लोग चीटी की चाल चलने लगे। जबकि क्षेत्र के समस्त गंगा तटवर्ती गांव जैसे कांवर, महरौड़ा, सराय, बीसूपुर, महुअरकला, टाण्डाकला, जमालपुर, तिरगंावा, सैफपुर सहित इत्यादि गावों के गंगा तट पर स्नार्थियेां की भीड़ लगी रही।
मकर संक्रान्ति के पावन पर ग्रामीण व कस्बा सहित देवालयों मठ मन्दिरों में पूजन अर्चन करने वालों का ताता लगा रहा। क्षेत्र के बाबा कीनाराम धाम रामगढ़, महरौड़ी देवी, मां बंग्लाभगवती देवी मन्दिर तारगांव, फलहारी बाबा बलुआ सराय, हनुमानगढ़ी भलेहटा, राम जानकी मंन्दिर रमौली, मां चकेश्वरी मन्दिर लक्षमनगढ़, लच्छू ब्रम्ह धाम लक्षमनगढ़ सहित इत्यादि प्रमुख मठ मन्दिरों में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा।
ठिठुरन से सिहर गये लोग, कही नही दिखा अलाव
मकर संक्रान्ती के पावन पर्व पर दूर दराज से आये श्रद्धालु ठंड के मारे अलाव खोजते दिखे न मिलने से ठिठुरते हुए अपने-अपने गनतव्य को रवाना हुए।
मंगलवार को मंकर संका्रन्ती के पर्व पर प्रातः लगभग 4बजे से स्नानार्थियों का ताता गंगा के बलुआ घाट पर जुटने लगा और लोगो ने गंगा में स्नान करने के उपरान्त ठंड से बिलबिला गये और अलाव खोजने लगे लेकिन जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण कही भी अलाव की व्यवस्थ न किए जाने से मायूस होकर अपने घरो को रवाना हेा गये।
मकरसंक्रांति पर बाजारों में रही धूम, जमकर पंतग की हुई खरीददारी
मकर संक्रांति पर्व को लेकर पतंगों का बाजार गुलजार रहा। जहां लोग दान-पुण्य में लगे रहे। वहीं बच्चे घरों की छतों पतंगबाजी का लुत्फ उठाते रहे। जिसके लिए बाजार में पतंग की दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। लाख प्रतिबंध के बावजूद भी चाइनीज मंझे चोरी छुपे बाजारों से लोग खरीदते दिखे। थोक दुकानदारों से लेकर फुटकर दुकानदारों के यहां ग्राहकों की भीड़ लगी रही। दुकानों पर विभिन्न डिजाइनों की पतंगें उपलब्ध रहीं। वही बच्चे पेंच लड़ाने के लिए महंगा मंझे को खरीदते मिले। नगर में पतंग विक्रेताओं ने त्यौहार को देखते हुए बड़ी संख्या में पतंगे, मांझा व सद्दी का स्टॉक कर रखा था। बच्चे अच्छी क्वालिटी का माझा व आकर्षक डिजाइनों की पतंगें पसंद की। बच्चों को रिझाने के लिए दुकानदार एक से बढ़कर एक डिजाइनों में पतंगें स्टाक कर रखा था। किसी में मोटू पतलू कार्टून छपा है। तो किसी में नेताओं के अलावा हीरो हीरोइन की फोटो छपी हुई पतंगें खूब बिकी। दुकानों पर पतंग 10से लेकर 100रुपए तक बिकी। इसके अलावा पतंग उड़ाने के लिए धागा व स्पेशल मांझा अधिक पसंद किया गया। बच्चे अपने प्रतिद्वंदी की पतंग काटने को लेकर महंगे से महंगा मांझा खरीदते मिले। बच्चों के उत्साह में घरवाले भी सहयोग करते दिखे।