
अधिवक्ताओं ने सरकार पर अधिकारी छिनने और तानाशाही का लगाया आरोप
परिवर्तन न्यूज चंदौली
सकलडीहा। केन्द्र सरकार की ओर से प्रस्तावित काले कानून को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को बार कौंसिल के आवाहन पर सकलडीहा संयुक्त बार के अधिवक्ताओं रजिस्ट्री सहित विभिन्न कार्यालयों को बंद कराते हुए विरोध जुलूस निकाला। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सुबह से तहसील परिसर में केन्द्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। अंत में एसडीएम अनुपम मिश्रा को विधि एवं न्याय मंत्री के संम्बोधित ज्ञापन सौंपा।

अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार केन्द्र में जबसे आयी है। लोकतंत्र को खतम कर राजतंत्र लाना चाह रही है। अधिवक्ताओं के अधिकार पर खुलेआम लगाम लगाने का साजिस रच रहा है। अधिक्ताओं ने सरकार के प्रस्तावित काले कानून के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर विभिन्न कार्यालयों केा बंद कराया। अधिकारियों को अपने आवास पर मिटिंग करना पड़ा। प्रस्तावित अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संसोधन वकीलों के अधिकारों को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है। अधिवक्ताओं और आमजनमानस के बिल्कुल विपरीत है। इसके साथ ही संविधान के मूल भावना के भी विपरीत है।
इस मौके पर डेमोक्रेटिक बार अध्यक्ष कुबेरनाथ सिंह,बार अध्यक्ष अशोक यादव,शिवकुमार सिंह,उपेन्द्र नारायण सिंह,राजेश्वर सिंह रज्जू,सुरेश यादव,मनोज पांडेय, उमाशंकर,संकेत पांडेय,शैलेन्द्र पांडेय,अरूण कुमार,धर्मदेव, प्रभु पाठक,रामराज, विजय प्रताप सिंह,आशुतोष मिश्रा, नितिन तिवारी, पंकज यादव, अखिलेश तिवारी,शोभनाथ यादव,लालू शर्मा,सुभाष सिंह, सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।
वकीलों के विरोध से दस लाख का नुकसान
वकीलों के विरोध प्रदर्शन के कारण रजिस्ट्री कार्यालय बंद होने के कारण करीब 10 लाख का राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही आम जनमानस अपने न्यायिक कार्य से वंचित रहे। यही नही किसी प्रकार का कार्य नहीं होने से ग्रामीण सहित छात्र तहसील में भटकते नजर आये।