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अति प्राथमिक स्वास्थ्यकेन्द्र दरियापुर में चिकित्सक व फरमासिस्ट गायब: 11बजे तक लटका रहा ताला

परिवर्तन न्यूज चंदौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। विकास खण्ड अन्तर्गत अति प्राथमिक स्वास्थ्यकेन्द्र दरियापुर में चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का कही अता पता नही चलता।

ग्रामीणों के अनुसार चिकित्सक व कम्पाउन्डर सप्ताह के एक या दो दिन आकर पूरे सप्ताह का कोरम पूरा कर देते हैं। वह भी इतना अच्छा तालमेल है कि जिस दिन डॉक्टर रहेगे उस दिन कम्पाउन्डर नदारत जिस कम्पाउन्डर रहेगे उस दिन डाक्टर नदारत रहते है। व्लाक मुख्यालय से सात कि0मी0 की दूरी पर अति पिछड़े क्षेत्र में सरकार द्वारा लाखों रूपये खर्च कर नए माडल में अस्पताल बनवाया गया जहॉ वकायदा डॉक्टर व कम्पाउन्डर की नियुक्ति कर उनको लोगो को स्वास्थ्य चिकित्सा की जिम्मेदारी सौपी गयी है कि अति पिछड़े क्षेत्र के लोग व दूर दराज से आए मरीजो की स्वास्थ्य सेवा का उचित देख-रेख समयानुसार किया जा सके परन्तु वह भी हवा-हवाई कागजों के पन्नों तक ही सिमटता नजर आ रहा है।

Parivartan news.in के रिपोर्टर ने ग्रामीणों की शिकायत पर अति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दरियापुर पहुंचे जहॉ 11बजे तक अस्पताल बंद रहा और दरवाजे पर ताला लटकता रहा और मरीज दवा इलाज के परेशान रहे। मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यहॉ के चिकित्सक आदिति सिंह व कम्पाउन्डर कन्हैया राम की नियुक्ति है जो गाहे-बगाहे कभी-कभार अस्पताल आते है वह भी कभी 11बजे तो कभी 12बजे।

गौरतलब तो यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने का समय क्या है यहॉं शायद चिकित्सक व कम्पाउन्डर को आलाधिकारियों ने सही दिशा निर्देश नही दिया है। या फिर उनको पता नही है। इस प्रकार की अनियमितता ग्रामीणों के साथ किस कदर की जा रही है वह जगजहिर हैं। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी के अन्दर में इन अस्पतालों की देख-रेख की जाती लेकिन खुद चहनियां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुद ही सही समय नही रहते तो वे मातहतों का क्या दिशा निर्देश देगे कभी भी उनके द्वारा चिकित्सालयों का निरीक्षण नही किया जाता अगर किया जाता तो नियुक्त डाक्टरो को समय जरूर पता होता। वही अस्पतालो पर नियुक्त डाक्टरों को लेकर कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रो में तरह-तरह के चर्चे सुनने को मिलते हैं।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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