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‘मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी’ पर झूमे श्रोता

प्रयागराज। कलाग्राम का मंच शनिवार को प्रसिद्ध गायक पार्थिव गोहिल के नाम रहा। उन्होंने शुरुआत ‘लागी मेरी तेरे संग लागी मेरे शंकरा’ से की। इसके बाद ‘हर हर शंभू शिव महादेवा शंभू, शिव कैलाश के वासी, धौली धारों के राजा, शंकर संकट हरना, मेरा भोला है भंडारी करे नंदी कि सवारी’ जैसे शिव भजन की प्रस्तुति देकर पूरे कलाग्राम को शिवमय कर दिया। फिर प्रभु श्रीराम को समर्पित भजन पेश किया। ‘रघुकुल रीत सदा चली आई’, मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे, मेरी चौखट पे चल के आज चारो धाम आये हैं बजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आये हैं, भजनों की मोहक प्रस्तुति पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई।

इसके बाद किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए, जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए, अरे रे मेरी जान है राधा तथा मेरा रंग दे बसंती चोला माहे रंग दे बसंती चोला गीत पर श्रोताओं की वाहवाही मिली और श्रोताओं ने भी उनके सुर में सुर मिलाकर इस गीत को गाया, जब उन्होंने मेरी देश की धरती सोना उगले हीरे मोती और मिले सुर मेरा तुम्हारा गीत पेश किया तो श्रोता झूमने लगे। शास्त्रीय संगीत की गायिका व पद्मश्री सम्मानित सोमा घोष ने ‘संगम के इस महायोग में जो कुंभ नहाने आएगा …., जय त्रिवेणी संगम हरे हरे’ प्रस्तुत किया। इसके बाद शिवजी की स्तुति करते हुए ‘शंभू शरणे पड़ी मांगू.. की प्रस्तुति देकर समां बांधा। अगली प्रस्तुति में अभिनया नागज्योति और साथी कलाकारों ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की। इसके बाद उन्होंने कथक, छाऊ और कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुत किया। उन्होंने मनमोहक नृत्य कला में ‘संगम’ की कथा को भागवत ग्रंथ से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। इसके बाद डॉ अनु सिन्हा एवं दल द्वारा शिव– पार्वती पर आधारित नृत्य नाटिका पेश किया। इस नृत्य में दक्ष यज्ञ, शिव तांडव, शिव विवाह और शिव बारात की शानदार प्रस्तुति दी, उनके हर भाव, मुद्रा और लय को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई।

लोकनृत्यों की कड़ी में हरियाणा के कलाकारों द्वारा लट्ठमार होली की प्रस्तुत किया गया। अगली प्रस्तुति उत्तराखंड का गढ़वाल नृत्य, कर्नाटक का ढोलू कूनिठा, तेलंगाना का चिन्धु यक्षगान, राजस्थान का गेर तथा असम के मुखा भाऊना नृत्य प्रस्तुत किए गए। 23 फरवरी को कैलाश खेर व 24 को मोहित चौहान कलाग्राम में अपनी प्रस्तुति देगें। मंच का संचालन डॉ. आभा मधुर ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या मे दर्शक उपस्थित रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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