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धनुष यज्ञ रामलीला में श्रीराम ने दिखाया पराक्रम: शिव धनुष किया भंग, सीता को बनाया जीवन संगिनी

परिवर्तन न्यूज़ चंदौली
Story By- नीरज अग्रहरि
धीना। श्री रामलीला समिति अमड़ा में शनिवार की देर रात 78वां धनुष यज्ञ रामलीला का सजीव मंचन किया गया।अमड़ा गांव में 1947 में कृष्ण पाठक और भगवती सिंह ने रामलीला समिति का गठन किया था। रामलीला में लीला प्रेमियों की काफी भीड़ जुटी रही। धनुष यज्ञ रामलीला में प्रभु श्री राम ने शिव धनुष तोड़कर सीता को वरमाला पहनाकर जीवन संगिनी बनाया।

धनुष यज्ञ मंचन में राजा जनक ने स्वयंवर की एक कठिन शर्त रखी। जो योद्धा भगवान शिव के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देगा, वही देवी सीता के साथ विवाह का अधिकारी होगा।स्वयंवर में एकत्रित राजा-महाराजाओं में उत्साह और प्रतिस्पर्धा चरम पर थी। रावण व बाणासुर जैसे महाबली योद्धाओं ने, आत्मविश्वास से भरे,धनुष उठाने का प्रयास किया। किंतु वे भी असफल रहे। तब गुरु विश्वामित्र के आदेश पर भगवान श्रीराम ने पवित्र शिव धनुष को उठाकर अपनी अद्वितीय शक्ति से उसे तोड़ दिया। तत्पश्चात देवी सीता ने भगवान श्रीराम को वरमाला पहनाई। शिव धनुष टूटने पर परशुराम के क्रोध और लक्ष्मण के साथ उनके संवाद का मंचन भी हुआ। भगवान श्रीराम की भूमिका में हरिओम पाठक,लक्ष्मण की भूमिका में ऋषभ सिंह, परशुराम की भूमिका घनश्याम यादव, राजा जनक की भूमिका विशाल सिंह, साधु राजा के रूप में बादल सिंह, दुष्ट राजा के रूप में राहुल सिंह, रावण की भूमिका में अतुल उपाध्याय, सीता के रूप में आयुष, विश्वामित्र के रूप में मृत्युंजय सिंह व शतानंद की भूमिका में विष्णु ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस आयोजन की कुशल निर्देशन व व्यास की भूमिका बलराम पाठक व यशवंत पाठक ने बखूबी निभाई।

इस अवसर पर अनिल सिंह, शिवानंद सिंह, शिवकांत सिंह, परमानंद सिंह, नीरज सिंह,अंकित सिंह, आकाश सिंह, पप्पू जायसवाल, रामबचन सिंह, त्रिभुवन सिंह,समर बहादुर सिंह, अभिनंदन पांडेय, विनोद सिंह, अरविंद सिंह,पप्पू खरवार, दिग्विजय सिंह, पवन सिंह उपस्थित रहे।

रजनी कान्त पाण्डेय

मैं रजनी कांत पाण्डेय पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हूँ,इस दौरान मैंने कई प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में अपनी सेवाएँ दे चूका हूँ. फ़िलहाल समाचार सम्प्रेषण का डिजिटल माध्यम को चुना है जिसके माध्यम से जनसरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर सकूं |

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