
परिवर्तन न्यूज चंदौली
Story By- सद्दाम खान
इलिया। उत्तर प्रदेश में एक तरफ योगी सरकार भ्रस्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो दूसरी तरफ विकास खण्ड शहाबगंज के ग्राम पंचायत बेलावर में हैंडपम्प रिबोर के नाम पर जमकर शासकीय धन का बंदरबाट के मामले सामने आ रहे रहे है। वहीं इण्डिया मार्का हैंडपम्प रिबोर ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, व इंजीनियर का कुटीर उद्योग बन गया है। जिसकी जानकारी होने के बावजूद उच्चधिकारी खामोशी की चादर ओढ़ कर भ्रष्टाचारियों को अवैध संरक्षण प्रदान करते हुए मूक सहमति दे रहे हैं। जिससे भ्रष्टाचार को जमकर बढ़ावा मिल रहा है।

वहीं वर्तमान समय में वित्त योजनाओं व मनरेगा योजना में लूट मची हुई है जिसकी देखभाल करने वाला कोई नही हैं। जहां कमीशनखोरी के चलते तमाम सरकारी योजनाओं का बंटाधार हो रहा है। ग्राम पंचायत में हैंडपम्प रिबोर के नाम पर जमकर लूट की जा रही है। विकास खण्ड शहाबगंज में हो रहे भ्रष्टाचार की खबरों को कई बार दैनिक समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित कर उसका खुलासा भी किया गया लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने भ्रष्टाचारी के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही अमल में नही लायी गयी। जिससे भ्रष्टाचारीयों के हौसले बुलंद है।
शहाबगंज के बेलावर ग्राम पंचायत से जुड़ा है जहां बेलावर में राहुल के घर के पास हैंडपम्प रिबोर कार्य पर 19 जुलाई को वाउचर संख्या XVFC/2024-25/P/1 से 59920 रुपये व 5 सितम्बर को वाउचर संख्या XVFC/2024-25/P/4 से राहुल के घर के पास हैंडपम्प रिबोर कार्य पर अवशेष भुगतान के रूप में 32662 रुपये का भुगतान करा लिया गया है पर जब राहुल के घर के पास रिबोर हैंडपम्प का पड़ताल किया गया तो वहां कोई रिबोर का कार्य नही कराया गया था। 7 फरवरी को वाउचर संख्या XVFC/2023-24/P/10 से कन्हैया के घर के पास हैंडपम्प रिबोर कार्य पर 87,787 रुपये व 15 मार्च को वाउचर संख्या XVFC/2023-24/P/12 को 9520 रुपये का भुगतान कराया गया। लेकिन जब रिबोर की पड़ताल के लिए कन्हैया के घर जा कर देखा गया तो इंडिया मार्का हैंडपम्प कही भी नही दिखा। कन्हैया के दरवाजे पर 8 इन्च का बोर था जिसमें 3 इंच का समरसेबल सिचाई के लिये डाला गया था जिसके बारे में पूछने पर कन्हैया ने बताया कि ये निजी धन से बोर कराया गया है।
वहीं 29 जनवरी को वाउचर संख्या XVFC/2023-24/P/9 से श्याम सुन्दर के घर के पास हैंडपम्प रिबोर पर 97,307 रुपये का भुगतान कराया गया है। लेकिन जब रिबोर की पड़ताल के लिए श्याम सुंदर के घर जा कर जब देखा गया तो आस पास कहीं भी हैंडपम्प दिखा ही नहीं। ग्राम पंचायत बेलावर से जुड़ा और भी हैंडपम्प रिबोर के नाम भुगतान तो हो गया है परंतु हैंडपम्प का रिबोर नही कराया गया है। ग्राम पंचायत के द्वारा तीन रिबोर के नाम पर लगभग तीन लाख रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि ग्रामीणों ने बताया कि किसी भी हैंडपम्प का रिबोर नही कराया गया है। जो भ्रष्टाचारियों व अधिकारियों की साठ गाठ को उजागर कर सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की पोल खोलते निरंकुश कार्यप्रणाली को दर्शा रहा है। जबकि आला अधिकारी मूकदर्शक बने हैं।
इस संबंध में जब खण्ड विकास अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका कॉल रिसीव नही हुआ।