
परिवर्तन न्यूज चंदौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। स्थानीय क्षेत्र के महुअरकला गाव में श्री विशेश्वर ब्रम्ह बाबा का वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में सात द्विवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन बुद्धवार को श्री त्रिदण्डी स्वामी जी के शिष्य सुन्दर स्वामी जी ने बताया कि जब राजा परिक्षित अपनी राज्य के प्रजा की बखूबी देख भाल, रक्षा-सुरक्षा करते हुए अपने दायित्यो ंका निर्वहन कर रहे थे कि उसी समय कलियुग महाराज का आगमन हो गया। तब राजा परिक्षित ने पूछा तुम कौन हो? तब कलियुग महाराज ने बताया कि हम कलियुग है हमे रहने का स्थान दे।
तब राजा ने कहा कि तुम जुए, शराब, काम वासना, हिंसा, असत्य और निर्दयता में निवास करो। कलि ने कहा- महाराज मुझे एक ऐसा स्थान बताएं जहाँ ये सब साथ हों, मैं वहीं चला जाऊँगा। परीक्षित ने कहा- स्वर्ण में यह सब है, इसलिए तुम स्वर्ण में रह सकते हो। परीक्षित की आज्ञा से कलियुग ने तत्काल स्वर्ण में अपना घर जमाया।

स्वामी जी ने बताया कि कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा माना जाता है श्रीमद् भागवत कथा में कलियुग के आगमन, परीक्षित जन्म, और कपिल भगवान की कथा सुनाई जाती है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से प्राणी मात्र के प्रति प्रेम, करुणा, दया, और मैत्री भाव उत्पन्न होता है और जन्म-जन्मांतर के पाप से मुक्ति मिलती है। श्रीमद् भागवत कथा, सभी वेदों का सार है। श्रीमद् भागवत कथा को सुनने से मनुष्य तृप्त होता है।
वही कथा के बाद हवन का कार्य प्रारम्भ हुआ जिसैकड़ेा नर नारियो ने हवन में शामील होकर हवन को पूर्ण किया तद्पश्चात भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया चौरों तरफ हर-हर महादेव, जय श्रीराम, जय श्रीकृष्ण के नारे से पूरा यज्ञ मंडप गंुजायमान रहा। वही अभिषेक शास्त्री, रंगनाथ जीयर स्वामी, जगत गुरू स्वराचार्य महराज, रामप्यारे महराज ने कथा में अपने-अपेन वचनो से भक्ति का अमृत रसपान लोगों को कराया।
इस दौरान अम्ब्रिष तिवारी, रामसेवक यादव, श्रवण कुमार पाण्डेय, केषरी सिंह, रामदुलारे सिंह, नितिश तिवारी, संतोष तिवारी, दीपक तिवारी् सियाराम प्रजापति, ओमकार यादव सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।