
परिवर्तन न्यूज़ चंदौली
अलीनगर। हर मानव को अपने अधिकार को समझना व उसके मूल कर्तव्यां के प्रति अपने दायित्यों को ईमानदारी पूर्व निर्वहन करना ही मानवाधिकार है। जीओ और जीने दो के तहत समाज में दबे, कुचले, असहाय निर्बल को कानून का हक दिलाकर उनको समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जाय। उक्त बाते रविवार को सहरोई गांव में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन के बैठक मे उपस्थित पदाधिकारी ने कहीं। सर्वप्रथम मां सरस्वती को दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

इस दौरान मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संगठन सचिव रवि प्रकाश सिंह ने कहा कि समाज को एकरूपता में लाने व गरीब, असहाय, निर्वल के खिलाफ हो रहे मानव अधिकार के हनन को रोकने के लिए यह संगठन सदैव तत्पर है। इसके कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे सदैव अपने इस मिशन में ईमानदारी पूर्वक लगे रहे।

इसी क्रम में डॉ. बीडी सिंह चौहान ने कहा कि मानव मूल्यो के गिरते स्तर को रोकने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन कार्य करता है जो मानव को सहजता व शान्तीपूर्ण तरीके से उसको उसका अधिकार दिलाने में मदद करता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं इत्यादि विषय पर व्यापक चर्चा कर लोगो को जागरूक किया।

इसी क्रम में बृक्षबन्धु डॉ. परशुराम सिंह ने कहा कि भारत जैसे देश में कानून सबके लिए एक समान है। किसी के प्रति हो रहे अत्याचार, मानव मूल्यों हनन, जीने का अधिकार, स्वतन्त्रता, शिक्षा, समानता, धर्म की स्वतन्त्रता, संघ बनाने, सूचना पाने के अधिकार से बंचित रहने वालों की मदद करना है। वही कार्यक्रम के अंत वृक्षवंधु ने सुयंक्त रूप से एक फलदार आम का बृक्ष लगाकर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषण की।

इस दौरान उपेन्द्र सिंह, केशव प्रसाद जायसवाल, राममोहर सेठ, रूस्तम अली, प्रमोद मिश्रा, मुकेश शर्मा, नामवर मिश्र, जितेद्र बहादुर सिंह, प्रेमगिरी, रामसेवक, सुनील पाण्डेय, मिठाई लाल, जुमराती अली, रामअधन यादव, आयोजक मनोज मिश्रा, राहुल मिश्रा, प्रियंका सहित दर्जनां कार्यकर्ता मौजूद रहे।